
मेरे फोन पर एक अनजान से आदमी का फोन आता है..मेरी उम्र को जाने बगैर मुझे अनुभवी पत्रकार समझकर वह मुझसे पूछता है कि मुझे राजनीति करनी है। मेरा जवाब होता है कुछ पद या रोल की तरह पाने का स्वार्थ है तो बेशक भाजपा कांग्रेस ज्वाइन कर लो। वह 3 महिने असमंजस में रहता है। फिर दिल्ली की जीत के बाद एक दिन उसी आदमी का फोन आता है क मुझे आम आदमी पार्टी ज्वाईन करनी है क्या आप छत्तीसगढ़ में किसी ऐसे आप के नेता को जानते हैं जो मुझे आप की सदस्यता दे सके। मैंने पूछा ऐसे कितने लोग हैं। उसका जवाब था कि ऐसे लोगों ने नोटा में अपनी ताकत दिखाई है सच मानिए तो 50 फिसदी लोग उसमें से आप के नहीं होने पर नोटा दबा आए हैं।
गली मोहल्ले और चाय की दुकान पर आप पर चर्चा होती है तो लोग आप के संबंध में बात करने पर जिज्ञासावश देखने लगते हैं। बहुत से युवा अब तक मुझसे पूछ बैठे हैं कि,केजरीवाल छत्तीसगढ़ कब आ रहे हैं। ये सब देखकर लगता है कि बदलाव की बयार भले ही दिल्ली में चली हो लेकिन उसकी ठंडक लोग देश भर में महसूस कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में 28 सीटों पर जीत दर्ज की इसके बाद से ही देश भर में इस बात को लेकर बहस हो रही है कि आम आदमी पार्टी चुनाव कैसे जीत गई..या क्या आम आदमी पार्टी दिल्ली तक ही सिमटकर रह जाएगी। सबसे बड़ा सवाल तो इस समय यही उठ रहा है कि क्या आप दिल्ली तक रहेगी। लेकिन आप को दिल्ली की पार्टी समझना ठीक वैसा ही होगा जैसा कि चुनाव के ठीक पहले तक आप को तिसरी पार्टी या 6 से 8 सीटों तक सिमटने वाली पार्टी समझा जा रहा था। आज देश के दूसरे हिस्सों में जब लोगों से आप के बारे में चर्चा हो रही है तो लोग यह कह रहे हैं कि आप का विकल्प उनके प्रदेशों में भी होना चाहिए।
राजनीति के जानकार यह क्यों भूल रहे हैं कि जब देश में अन्ना मूमेंट में केवल जंतर मंतर गुलजार नहीं था। देश भर के धरना स्थलों में हर कोई अन्ना आंदोलन को अपना साथ दे रहा था। इस भीड़ में वो लोग बड़ी तादात में आज भी हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से केजरीवाल का सर्मथन कर रहे हैं।

पहले आप के पास अन्य प्रदेशों में बताने को कुछ नहीं था। लेकिन अब आप पूरे देश में दिल्ली की जीत का ढ़िढोरा पीट सकती है। और देश भर के वो युवा जो बदलाव चाहते हैं इससे जुड़कर बड़ा बदलाव लाने की ओर कदम उठा सकते हैं। खास बात यह है कि आप से जुड़ने वाले युवाओं में अब बदलाव, विकल्प और आक्रोश से बड़कर भी कुछ है जो उन्हें खींच रहा है। टोपी का ग्लैमर हो या झाड़ू का आर्कषण..कुछ तो है जो लोग जुड़ना चाहते हैं।