Sunday, January 1, 2012

एक चुस्की चाय की


कभी न मांगना किसी से, पैसा चाय पानी का
सुखद अन्त नहीं होगा, कभी भी इस कहानी का

बच्चों कि मिठाई, और पकवान रिश्वतदानों के
घोंट देते गला हमेशा, ईमानीयत अरमानों के

एक चम्मच पकवान के, सौ बद्दुआ इंसान के
एक चुस्की चाय की , गरीबों के हाय की  : देवेश तिवारी  

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