Tuesday, March 1, 2011

चले थे कहा से हमें जाना कहाँ था - देवेश तिवारी


कल तक माँ माँ होती थी पिता पिता हुआ करते थे
अब माँ ममी हो गई पिता डैड हो गए
पश्चिमी चकाचौंध में हम इतने खो गये
अपने सामाजिक मूल्यों को दबाकर नीचे सो गए

चले थे कहा से हमें जाना कहाँ था
मुझे नहीं लगता हमें आना यहाँ था

माँ कि ममता कल तक हमको शीतल लगती थी
बूढी  माँ कि वाही ममता अब उलझन लगती है
आधुनिकता कि चकाचौंध में ममता तिल तिल जलती है
माँ तेरे यह झरते आँसू किसकी गलती है

कल तक पिता का पसीना खून हुआ करता था
अब अपनी कुटिल पत्नी कि खातिर वाही खून जलाते हैं
पिता के पुण्य भवन को तोड़कर अब हाटल बनवाते हैं
पिता के अरमानों को रौंद हम औहदा दिखलाते हैं

कल दान धर्म और परोपकार से पुण्य किये जाते थे
अब भूखे पेट पर लत मरकर रोटी छीन लेते  हैं
निर्लज्जता कि दहलिज लांघकर कमाई नितदिन लेते हैं
पैमाने पर खड़े होकर सोचें मानवता को क्या देते हैं

कल तक कफन कि खातिर लोग खुद बिक जाया करते थे
अब दफनाए शव के गहने उखाड़  ले जाते हैं
दुखी दरिद्र सताए दिल पर हजार जख्म दे जाते हैं
परहित धर्म को गिरवी रखकर क्या उधार ले जाते हैं


होती थी लक्ष्मी पास तो तीर्थाटन को जाते थे
अब जब लक्ष्मी आती है तो डांस बार में जाते हैं
बाप बेटे साथ बैठकर जाम से जाम छलकते हैं
भूल बिसर कर मर्यादा हम जेंटलमैन बन जाते हैं
       चले थे कहा से हमें जाना कहाँ था
       मुझे नहीं लगता हमें आना यहाँ था
                                         देवेश तिवारी

3 comments:

  1. उत्तम प्रस्तुतिकरण । शुभागमन...!
    हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
    http://najariya.blogspot.com

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  2. बहुत अच्छे भाव हैं लिखा भी अच्छा है...कुछ वर्तनी की गलतियां हैं ..कुछ मात्राएं भी टाइप करते वक्त रह गई हैं आप देख लीजिएगा...
    आप भी जरूर आइए...

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  3. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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