Sunday, May 19, 2019

आएगा तो मोदी ही, 23 मई को मिलते हैं, क्या बदल जाएगा

 आएगा तो मोदी ही, 23 मई को मिलते हैं, क्या बदल जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आडम्बर और उनकी ओर से बोले गए गलत तथ्य को उजागर करने या उनकी आलोचना करने पर उनके समर्थकों की टोली लगातार कर रही है 23 को मिलते हैं।
चलिए मान लें कि, नरेंद्र मोदी अपने दम पर 350 सीटें लाकर फिर से प्रधानमंत्री बन गए तो 
तो क्या ?
क्या वे झूठ बोलना छोड़ देंगे.. या सच में बादल के पीछे विमान को रेडार पकड़ नहीं पाएंगे
23 को जीतने के बाद क्या नोटबंदी में वापस आए 99.9 प्रतिशत नोट आधे होकर आधा काला धन सरकारी खजाने में आ जाएगा। और 125 लोग जिनकी कतार में मौत हो गई वह वापस हो जाएगी।
क्या उनका हर साल 2 करोड़ रोजगार यानी 10 करोड़ रोजगार देने का वादा पूरा हो जाएगा।
क्या ​जिस राफेल घोटाले को वे नहीं करने की बात कहते हैं, उसे नहीं किया है साबित करने के लिए उसकी जांच करा देंगे
23 को दोबारा पीएम बनने के बाद वे उन झूठों को वापस लेंगे जिनमें वे कहते हैं कि, 1087 में वे कैमरा और इमेल यूज करते थे, 36 साल तक भीख मांगकर खाए हैं
23 को दोबारा पीएम बनने के बाद क्या उरी के शहीद जवान जिंदा हो जाएंगे, पठानकोट और पुलवामा के सैकड़ो जवानोंं की सांसे लौट आएंगी।
मोदी दोबारा लौट कर आ जाएंगे तो क्या चुनाव आयोग की स्वायत्ता, सुप्रिम कोर्ट की स्वायत्ता पुर्नस्थापित हो जाएगी।
23 मई को फिर मोदी पीएम बन जाएंगे तो बिते चुनाव में पेट्रोल सस्ता करने का दावा और किसानों की आमदनी दुगना करने का वादा, हर घर तक पानी पहुंचाने का वादा पूरा हुआ माना जाएगा।
23 मई को क्या देश में दलितों आदिवासीयों के साथ हुई हिंसा में मौतों उन लाशों को पुर्नजिवित कर देंगी
क्या वह मानसिकता खत्म हो जाएगी जो गांधी की हत्या को वध और गोडसे को हीरो बताएगी
क्या मोदी जी के फिर आ जाने से वह मानसिकता खत्म हो जाएगी..जो हिंदु मुसलमान में भेद करना चाहती है।
क्या मोदी जी के फिर आ जाने से नक्सलवाद जैसी समस्याएं खत्म हो जाएंगी
23 मई को फिर मोदी जी के आ जाने से क्या उन 10 कार्पोरेट धन पिपासुओं की पैसे के प्रति भूख खत्म हो जाएगी जिनके प्लेन में वह प्रचार करते हैं और उनको दूसरे देश में वे बिचौलिए की भूमिका निभाते हैं।
मोदी जी को नवाज शरीफ के घर केक खाने ले जाने वाले उदयोगपति क्या राष्ट्र के खातिर पाकिस्तान में चल रहे अपने बिजलीघर बंद कर देंगे।
23 मई को अगर पीएम राष्ट्र के प्रधानमंत्री के पद की शपथ के साथ। बेवजह न फेंकने, ड्रामा न करने, सादगी से देश की सेवा करने। झूठ न बोलने की शपथ लेंगे।
 कार्पोरेट हित से पहले देश का हित ध्यान रखने। निजिकरण की जगह सहकारिता के माध्यम से देश का​ विकास करने। बीएसएनल, एचएएल, जैसी सरकारी संस्थाओं को पुर्नजिवित करने की शपथ भी लेंगे।
अगर लेंगे तो देश में नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री न हुआ होगा न हो पाएगा। वो मां भारती के यश भारत की विरासत और असल मुद्दों पर ध्यान दे पाएंगे

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